जानिए ब्लड प्रेशर के बारे में

“अपने रक्तचाप को मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें”                                  

“Measure your blood pressure, control it and live longer”                                      

परिचय

ब्लड प्रेशर वह फार्स है जिसके द्वारा रक्त आर्टरीज से होकर गुजरता है। जब आपका दिल धड़कता है तो यह ऑक्सीजन युक्त ब्लड आर्टरीज के माध्यम से आपके पूरे शरीर में जाता है। यह एक मिनट में 60 से 100 काम पूरे कर लेता है। शरीर को संचालित करने के लिए, आर्टरीज ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का परिवहन करती हैं। शरीर की सेल्स में ब्लड प्रेशर के द्वारा टिश्यू तक पहुँचता है।

ब्लड प्रेशर की समस्या

हमारा ब्लड प्रेशर सामान्य रूप से पूरे दिन बढ़ता और घटता रहता है। यदि आपका ब्लड प्रेशर बहुत अधिक है, तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। और अगर यह बहुत कम है, तो यह भी प्रोब्लेमैटिक हो सकता है। हम इसे एक मिलीमीटर पारा (मिमी Hg) और गेज से
माप सकते हैं। जब हम रक्तचाप को मापते हैं तो दिल के धड़कने के दौरान दो माप दर्ज किए जाते हैं। पहला सिस्टोलिक प्रेशर और दूसरा डायस्टोलिक प्रेशर।

सिस्टोलिक प्रेशर आर्टरीज के माध्यम से ब्लड पंप करने में मदद करता है। यह पूरे शरीर को
ब्लड की आपूर्ति करता है। जबकि डायस्टोलिक प्रेशर आर्टरीज को भरकर हार्ट को ब्लड की
आपूर्ति करता है।

हाई ब्लड प्रेशर:

शरीर की आर्टरीज को प्रभावित करने वाली एक गंभीर स्थिति है। इसे हम
हाई ब्लड प्रेशर भी कहते हैं। यदि आपके इससे ग्रसित है, तो आर्टरीज में ब्लड प्रेशर लगातार
बहुत ज्यादा होता है। ब्लड पंप करने के लिए हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। उच्च
रक्तचाप की संख्या 140/90mmHg है या स्टेज के बेसिस पर अधिक हो सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण:-
1. देखने या बात करने में कठिनाई।
2. कमजोरी या सुन्नता।
3. सांस लेने में कठिनाई।
4. दिल का दौरा।
5. सिरदर्द।
6. सीने में दर्द।
7. पीठ दर्द।

लौ ब्लड प्रेशर भी हाइपोटेंशन है। इस स्थिति में आर्टरीज में ब्लड प्रेशर असामान्य रूप से कम
हो जाता है। ज्यादातर मामलों में निम्न रक्तचाप होना अच्छा है। लेकिन इसमें आपको थकावट
या चक्कर आ सकते है। जिसके लिए ट्रीटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। लौ ब्लड प्रेशर
आमतौर पर स्टेज के आधार पर 90/60mmHg या उससे कम होता है।

लौ ब्लड प्रेशर के लक्षण।

1. धुंधला नज़र आना।
2. चिपचिपी त्वचा।
3. त्वचा का पीलापन।
4. कमजोरी।
5. भ्रम होना।
6. चक्कर आना।
7. बेहोशी।
8. थकान।

ब्लड प्रेशर हैंडल करने के टिप्स

हमें स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत है ताकि हम रक्तचाप को नियंत्रित कर सकें।
उसके लिए हमें कुछ टिप्स को डेली रूटीन में शामिल करना होगा।

1. अच्छी तरह से खाना: – फ्रोजन डिनर और फास्ट फूड जैसे खाद्य पदार्थों में कमी करना, साथ
ही पौष्टिक भोजन करना जैसे फल और सब्जियां जैसे पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ और
खाद्य पदार्थ भी आपके ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं।

2. शराब सीमित करें: – बहुत अधिक शराब पीने से ब्लड प्रेशर का लेवल बढ़ सकता है। एक
समय में अधिक शराब पीने से अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, इसलिए या तो शराब
से बचें या कम मात्रा में शराब का सेवन करें।

3. तनाव कम करें: – तनावपूर्ण स्थितियां आपके ब्लड प्रेशर को काफी बढ़ा सकती हैं; हालांकि,
सप्ताह में तीन से पांच बार योग और व्यायाम करने से आपका तनाव का स्तर कम हो सकता है।

4. दवा लेते रहें: – यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर है तो आपके ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए
दवाएं आपकी योजना का एक प्रमुख हिस्सा हैं। यह हाई ब्लड प्रेशर को नार्मल स्तर तक कम
करता है।

5. नियमित शारीरिक गतिविधियाँ:- शारीरिक गतिविधियाँ जैसे मॉर्निंग वाक, पैदल चलना
आदि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में काफी मदद करती है। यह नियमित गतिविधि
आपके दिल को मजबूत करने और तनाव के स्तर को कम करने में भी मदद करती है।

6. रात को अच्छी नींद लें:- पर्याप्त नींद न लेने से आपका ब्लड प्रेशर बिगड़ सकता है। अपने ब्लड
प्रेशर को नियंत्रण में रखने के लिए आपको कम से कम 6 घंटे से अधिक नींद लेनी चाहिए।

7. नियमित विश्राम और ध्यान: – मन को शांत करने में मदद करने वाली कई एक्सरसाइज ,
मैडिटेशन और रिलैक्सेशन भी ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं। जर्नल में प्रकाशित अमेरिकन
हार्ट एसोसिएशन के एक वैज्ञानिक बयान के अनुसार, मैडिटेशन ब्लड प्रेशर को अच्छे से कम
कर सकता है।

8. अपने आहार में नमक (सोडियम) कम करें: – हमारे अधिकांश खाद्य पदार्थों में सोडियम होता
है। ऐसे आहार के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है, इसलिए वयस्कों को प्रतिदिन 5
ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिए।

9. घर पर अपने ब्लड प्रेशर की निगरानी करें और नियमित जांच कराएं:- घर पर ब्लड प्रेशर
की मशीन से जांच कर सकते है, इसमें फ्लक्चुएशन होने पर डॉक्टर से जांच करवाकर हम
ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल कर सकते हैं और हाई और लौ ब्लड प्रेशर के बारे में जान सकते हैं।

निष्कर्ष

ब्लड प्रेशर मेज़रमेंट कॉमन काम में ली जाने वाली प्रक्रियाओं में से एक है। ब्लड प्रेशर में उतार-
चढ़ाव बना रहता है। ब्लड प्रेशर की सावधानी पूर्वक निगरानी लोगों को हाई और लौ ब्लड
प्रेशर के मामलों में सचेत कर सकती है। हैल्थी लाइफस्टाइल और प्रॉम्प्ट मेडिकल ट्रीटमेंट
आपको गंभीर बीमारियों से बचने में मदद कर सकते हैं, इसमें हमारी सतर्कता सबसे अधिक
मायने रखती है।