कम उम्र में दिल का दौरा

“Be smart and guard your heart”
“होशियार बने और अपने दिल की सुरक्षा करे।”

बहुत कम उम्र के व्यक्तियों के आकस्मिक निधन ने हमें अंदर तक झकझोर देता है। 40 वर्ष या इससे कम के व्यक्तियों को भी आज के समय में दिल का दौरा पड़ सकता है। हृदय सम्बंधित रोगों में आज कल वृद्धि होने लगी है और अचानक दिल का दौरा पड़ने से कम उम्र में लोगों के लिए भी जीवन के लिए खतरा बन गया है। आइए हम कम उम्र के लोगो में दिल के दौरे के कारणों को गहराई से समझें।

ह्रदयाघात क्या है?

दिल का दौरा एक मेडिकल इमरजेंसी है। यह आमतौर पर तब होता है जब हृदय में ब्लड के प्रवाह में कुछ रुकावट होती है। चूंकि ब्लड भी अपने साथ ऑक्सीजन ले जाता है, दिल का दौरा पड़ने पर हृदय की मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता हैं। लेकिन अगर पहले रोक दिया जाए, तो डॉक्टर हृदय की मांसपेशियों को होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।

दिल के दौरे के सामान्य लक्षण क्या हैं?

दिल के दौरे के लक्षण बहुत भिन्न होते हैं। सभी लोगों में समान गंभीरता के लक्षण नहीं होते हैं। कुछ में, लक्षण हल्के होते हैं, जबकि अन्य गंभीर लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। लेकिन लोगों में चेतावनी के लक्षण घंटों, दिनों या हफ्तों पहले तक हो सकते हैं। जल्द से जल्द और सबसे सामान्य एनजाइना (सीने में दर्द) हो सकता है जो परिश्रम से हो सकता है और इसमें आराम से राहत मिलती है।

हार्ट अटैक के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

  • चेस्ट या आर्म्स में दबाव या जकड़न या दर्द महसूस होना जो गर्दन, पीठ या जबड़े तक फैल रहा हो।
  •  पेट दर्द, जी मिचलाना और इनडाइजेशन।
  • सांस लेने में कठिनाई।
  • ठंडा पसीना।
  • चक्कर आना और थकान लगना।

दिल के दौरे के लिए सबसे सामान्य रिस्क फैक्टर्स क्या हैं?

किसी व्यक्ति में हृदय रोग बढ़ने में कुछ कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, उनमें से कुछ इलाज योग्य और नियंत्रणीय हैं और कुछ नहीं हैं। कुछ जोखिम कारक पीढ़ियों (वंशानुगत) से गुजरते हैं जबकि कुछ अनबैलेंस्ड लाइफ स्टाइल के कारण होते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर

यह हेरेडिटरी हो सकता है या अन्य बीमारियों (सेकेंडरी हाइपरटेंशन) के कारण हो सकता है। ज्यादातर मामलों में, लाइफस्टाइल में बदलाव से हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

कोलेस्ट्रॉल

हाई कोलेस्ट्रॉल के स्तर के साथ, फैटी प्लाक का बिल्ट होना शुरू हो जाता है, जिससे हृदय तक ब्लड ले जाने वाली वाहिकाओं का संकुचन हो सकता है (एथेरोस्क्लेरोसिस)। समय के साथ एथेरोस्क्लेरोसिस हृदय रोगों का कारण बन सकता है।

धूम्रपान और तंबाकू का सेवन

निकोटीन (तंबाकू में उपलब्ध तत्व) ब्लड वेसल्स को संकुचित करता है और हृदय पर अतिरिक्त बोझ डालता है।

मोटापा

मोटापा हृदय रोग के प्रमुख कारणों में से एक है। मोटे व्यक्तियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अधिक ब्लड की आवश्यकता होती है जिसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर में वृद्धि होती है। हाई ब्लड प्रेशर से दिल का दौरा पड़ सकता है।

आजकल कम उम्र में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे हैं?

अभी कुछ दशक में लाइफस्टाइल फैक्टर्स, आहार और अनुवांशिक मुद्दे दिल के दौरे की घटनाओं में वृद्धि कर रहे हैं। महामारी के कारण, कुछ लोग COVID के बाद हृदय की समस्याओं, क्लॉटिंग के कॉम्प्लीकेशन्स की काफी आ रहे है। विशेष रूप से इस महामारी के दौरान बढ़ा हुआ तनाव, एक और जोखिम कारक है जो दिल के दौरे का एक प्रमुख कारण बन गया है।

हार्ट अटैक के रिस्क्स को रोकने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

किसी भी हृदय रोग से बचने के लिए लाइफस्टाइल मैनेजमेंट ही हमारा सबसे प्रभावी शील्ड ​​है। एक स्वस्थ दिनचर्या हमें हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।

कुछ स्वस्थ हृदय की आदतें ये सभी हो सकती हैं:

  • ह्रदय के अनुकूल आहार और प्रोसेस्ड फ़ूड के सेवन में कमी
  • दैनिक व्यायाम और मेहनत वाली शारीरिक गतिविधि
  • शराब का कम सेवन
  • किसी भी रूप में तंबाकू के सेवन से बचना
  • नियमित प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप्स
  • योगा और अन्य मनोरंजक एक्टिविटीज के माध्यम से स्ट्रेस के लेवल को कम करना
  • हृदय रोग के साइन और सिम्पटम्स से अवगत रहे।

निष्कर्ष :

आज के समय में कम उम्र के व्यक्तियों में हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिल रही है, इसका सबसे मुख्य कारण अनियमित लाइफस्टाइल है। हम अगर अपनी लाइफस्टाइल को अच्छे से मैनेज करे तो हार्ट अटैक का खतरा काम हो सकता है।